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सम्पर्क में रहती हैं मृतात्माएं

सम्पादक – शारदा शुक्ला
सांसारिक पञ्चतत्व से निर्मित स्थूल देह तो नश्वर है और मृत्यु एक अटल सत्य है;किंतु सूक्ष्म शरीरधारी आत्मा का अस्तित्व किन्हीं आयामों में बना रहता है।वे अदृश्य रहकर स्वजनों के सम्पर्क में रहती हैं और बहुधा स्पष्ट सम्पर्क तथा मार्गदर्शन करती हैं।यहाॅ हम ‘मिथ’की बात न करके वास्तविक जीवन के कुछ उदाहरण आपसे साझा करते हैं।प्रसिद्ध यूनानी दार्शनिक शुकरात के साथ एक ‘डेमन’यानी प्रेतात्मा रहती थी और उनका मार्गदर्शन करके हित साधन करती थी।लेखक और इतिहासकार प्लूटार्क ने उन पर लिखी पुस्तक ‘जेनियोसोक्रेटिस’में ऐसी एक घटना का उल्लेख भी किया है।वह यह है: शुकरात कुछ सहयोगियों के साथ कहीं जा रहे थे।अचानक एक जगह रुककर बोले ‘अब आगे नहीं जायेंगे।मेरा डेमन रोक रहा है’।साथियों ने इसे उनके मन का भ्रम बताया और उन्हें आगे चलते रहने पर मजबूर किया।आगे एक सकरे रास्ते में कुछ जंगली सुवर मिल गये और इस ग्रुप के कई लोग बुरी तरह घायल हो गये।फ्राॅस के हेनरी चतुर्थ को एक प्रेतात्मा मदद करती रहती थी।उसने उन्हें सूचना दी कि ‘आपकी हत्या का षड्यंत्र रचा जा रहा है’।हेनरी ने अपने दरबारियों से इसका जिक्र भी किया,लेकिन लोगों ने इसे बहम कहकर नज़रंदाज कर दिया।आखिरकार उनकी निर्ममतापूर्वक हत्या हो ही गई।कोलकता के वकील बंकिमचंद्र चटर्जी की आत्मा जब उनकी पत्नी मग्नमयी देवी द्वारा बुलाकर वार्ता की गई तो उसने अन्य बातों के साथ यह भी कहा कि ‘अमुक दिन छोटा बेटा सुरेश जब कहीं से घर आ रहा था,तो मुझे याद करके बहुत दुखी था।मैं उसके साथ साथ शिर पर हाथ रक्खे घर तक आया’।रवींद्रनाथ टैगोर ने जब अपनी भाभी और प्रेमिका कादम्बरी देवी की आत्मा से वार्ता करते हुए पूछा कि ‘पिछली बार कब शाॅतिनिकेतन आईं थी’;तो उन्होंने चंद दिन पहले सुबह आने की बात कही और बताया कि ‘मैं हवा के झोके के रूप में आई,लेकिन आपने चादर और कसकर ओढ़ ली थी’।प्रसिद्ध उपन्यास लेखक डा.ओलिवरलाज़ ने अपनी पुस्तक में लिखा है कि इंग्लैण्ड के राज परिवार में अशरीरी आत्मावों की मौजूदगी है,जो समय समय पर राजघराने के लोगों की मदद करती हैं।इसक्रम में जार्ज पञ्चम की बहन लुइस की अपने दिवंगत पति ड्यूक आफ फिप से होने वाली वार्ताएं उल्लेखनीय है,जिसे और लोगों ने भी अगल बगल रहकर सुना।

कई दशक पूर्व मेरे बड़े भाई को स्वर्गीय पिता जी की आत्मा ने स्वप्न में कहा कि ‘तुम्हारे जुड़वाॅ बच्चे होने वाले हैं’।चंद घण्टे बाद भौजी को प्रसव पीड़ा हुई और दो बच्चों को जन्म दिया।कुछ अंतराल के बाद एक बच्चे को कुछ बलाय बाधा हुई।पिता जी ने रात्रि के चतुर्थ प्रहर में फिर स्वप्न में कहा,’इसकी झाड़ फूॅक करवा दो’।भाई ने उत्तर दिया कि,’आप तो भूत प्रेत आदि कुछ मानते नहीं थे’।तो उन्होंने कहा ‘लेकिन होता है।जैसा कहा,करो’।सुबह होने पर इसके पहले कि भाई झाड़ फूॅक का कोई प्रबंध कर पाते,बच्चा मर गया।
सोलहवें अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने अपनी हत्या की पूर्वरात्रि में स्वप्न में वह दृश्य देख लिया था,जो अगले दिन घटित हुवा।ये कौन सी रहस्यमयी अदृश्य शक्तियों का संसार हमारे इर्द गिर्द है!पूरा पर्दा शायद कभी न उठ पाये।

रघोत्तम शुक्ल

स्तंभकार

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